परसपुर (गोण्डा)। नगर में संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शाखा पर शनिवार को अतिथि सम्मान एवं आशीर्वचन उत्सव आयोजित किया गया।
बतौर मुख्यातिथि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की जोनल डायरेक्टर काशी- विश्वनाथ (वाराणसी) से राजयोगिनी बीके सुरेंद्र बहन, बीके गीता बहन, वाराणसी जोन के प्रबंधक बी के दिपेन्द्र भाई ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। परसपुर सेवा केन्द्र की संचालिका ब्रम्हाकुमारी अनामिका बहन के सहित अन्य कुछ एक भाई बहनों ने फूल मालाओं से स्वागत सत्कार किया।
राजयोगिनी बी के सुरेन्द्र दीदी ने कहा कि अपनी भागदौड़ भरी जिन्दगी से थोड़ा समय निकालकर शान्ति से बैठकर आत्म निरीक्षण करना ही राजयोग है। इस तरह के समय निकालने से हम अपने चेतना के मर्म की ओर लौट आते हैं। इस आधुनिक दुनिया में हम अपनी जिन्दगी से इतने दूर निकल आये हैं कि हम अपनी सच्ची मन की शान्ति और शक्ति को भूल गये हैं। फिर जब हमारी जड़े कमजोर होने लगती हैं, तो हम इधर-उधर के आकर्षणों में फँसतें जाते हैं। और यही से हम तनाव महसूस करने लग जाते हैं। धीरे धीरे ये तनाव हमारी मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को असन्तुलित कर हमें बीमारियों में भी जकड़ लेता है।
सहज राजयोग एक ऐसा योग है। जिसे हर कोई सहजता के कर सकता हैं। यह एक ऐसा योग है, जिसमें कोई धार्मिक प्रक्रिया या मंत्र आदि नहीं है। सहज राजयोग के अभ्यास को कहीं भी और किसी भी समय किया जा सकता है। राजयोग को आँखे खोलकर किया जाता है। इसलिए ये अभ्यास सरल और आसान है। योग एक ऐसी स्थित है, जिसमें हम अपनी रोजमर्रा की चिन्ताओ से परे जाते है। और हम अपने आध्यात्मिक सशक्तिकरण का आरंभ करते है।
आध्यात्मिक जागृति हमें व्यर्थ और नकारात्मक भावों से दूर कर अच्छे और सकारात्मक विचार चुननें की शक्ति देता है। हम परिस्थितियों का जवाब जल्द बाज़ी में देने के बजाए, सोंच समज के करेंगे। हम समरसता में जीनें लगते हैं। बेहतर, खुशनुमा और मज़बूत रिश्ते बना कर अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन कर पाते हैं।
इस अवसर पर बी के सुनीता बहन, बी के डा० एस सी तिवारी, मनीषा गुड़िया, सोनी, रमा, सुषमा, ममता, उमा पूनम साधना, अनूप, अंजली, माही, मुस्कान, कोमल, शालू, प्रताप नरायन, बजरंगी, सुनील, मनमोहन कौशल, अंशु सोनी आदि शामिल रहे हैं।
You must be logged in to post a comment.