आधुनिकता और प्रतिद्वंद्विता की दौड़ में तेज गति से भाग रहे भोजपुरी फिल्मों के मेकर इस तरह औंधे मुंह गिरे हैं कि उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझ रहा है। इसका कारण ही यह है कि भोजपुरी फिल्मों के निर्माता बॉलीवुड और साउथ की फिल्मों की नकल के चक्कर में अपना मूल ही खो बैठे। तभी तो उनकी कहानियों में न तो भोजपुरी खुश्बू ही होती है और न ही गांवों की छाप नजर आती है। अश्लीलता तो इतनी कि हर कोई घिना गया है।

लेकिन इस परिवेश में भी लेखक-निर्देशक और गीतकार राजेश कुमार जरा भी विचलित नहीं हुए हैं। उन्होंने ग्रामीण परिवेश को ही ध्यान में रखते हुए अपनी फिल्मों का निर्माण शुरू किया है। ऐसी फिल्मों का, जिन्हें हर कोई बेहिचक अपनी बहन-बेटी के साथ देख सके। ‘लाल’ भी उन्हीं फिल्मों में से एक है। कहने का तात्पर्य यह है कि उनकी हर फिलम अश्लीलता से कोसों दूर है। ‘लाल’ में उन्होंने एक आइटम सांग रखा है, लेकिन उसमें भी उन्होंने सीमा सिंह को अनारकली पहनाया है। इस फिल्म के ट्रेलर को यू सर्टिफिकेट मिलना ही दर्शाता है कि फिल्म कैसे होगी। वर्ना भोजपुरी में तो आज की तारीख में यू ए सर्टिफिकेट वाली फिल्में भी मुश्किल से ही मिलती हैं
‘लाल’ के गीत भी बेहद प्यारे हैं। कुछ तो आंखों को नम कर देनेवाले हैं। कुल मिलाकर जिस तरह की विषम परिस्थितियों में इस फिल्म को खूबसूरती के साथ बनाया गया है, उसके लिए इसके प्रोड्यूसर और डायरेक्टर की तारीफ करनी ही पड़ेगी।
नीता कुमारी निर्मित ‘लाल’ की शूटिंग बिहार की अलग अलग लोकेशनों पर शूट की गयी है। इसकी कहानी सस्पेंस और रोमांच से भरपूर होने के साथ ही बेहद भावनापूर्ण भी है।
बात अगर कलाकारों की करें तो भोजपुरी की जानी मानी हीरोइन कल्पना शाह ने इसमें अहम भूमिका निभायी है। उनके अलावा संजीव सनेहिया, खलनायक गिरीश वर्मा, वरिष्ठ कलाकार उदय श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, कॉमेडियन साहब लालधारी, रूपा सिंह, पिंकी सिंह, जीतेंद्र वत्स, अर्चना सिंह, पवन साह और प्रीति सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं।
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