उत्तर प्रदेश गोंडा शिक्षा संस्कृति

ओडिसी नृत्यांगना कविता द्विवेदी की अनूठी प्रस्तुति, एलबीएस में आयोजित कार्यक्रम

 

गोण्डा। कलाएँ मानव जीवन का शृंगार हैं। इन कलाओं के बिना मनुष्य का हृदय-देश सूना और नीरस रहता है। शास्त्रीय नृत्य शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करता है। ओडिसी नृत्य भगवान जगन्नाथ के आराधन का एक हिस्सा रहा है। इसकी उत्पत्ति मंदिरों में आराधना की प्रक्रिया में हुई। ये बातें श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में आयोजित ओडिसी नृत्य कार्यक्रम में आईं विश्वविख्यात ओडिसी नृत्यांगना कविता द्विवेदी ने कहीं।

महाविद्यालय के ललिता सभागार में नृत्य प्रस्तुत करते हुए विभिन्न भाव-भंगिमाओं, मुद्राओं, नेत्रों, अवयवों के संचालन द्वारा कविता जी ने अद्भुत प्रस्तुति दी। भगवान शिव, श्रीकृष्ण, भगवान जगन्नाथ की नृत्यमय स्तुति कर समूचे सभागार को आह्लादित कर दिया।

महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी गोंडा डॉ. उज्ज्वल कुमार ने नृत्यांगना कविता द्विवेदी सहित शास्त्रीय गायक सुरेश कुमार सेठी, वायलन वादक गोपीनाथ स्वार्ड और मर्दल वादक प्रशांत कुमार को बुके एवं उत्तरीय प्रदान कर स्वागत किया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार पांडेय ने मुख्य अतिथि नृत्यांगना कविता द्विवेदी समेत संगत करने वाले कलाकारों सहित सभी का स्वागत किया।

लगभग एक घंटे की अविराम भावपूर्ण प्रस्तुति ने महाविद्यालय शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को विस्मय से भर दिया। देह भाषा की अर्थवत्ता शास्त्रीय नृत्य में प्रकट होती है। बिना बोले कितना बोला जा सकता है । मौन की भाषा कितनी अर्थपूर्ण होती हैं, ऐसी ढेर सारी बातें सभागार में उपस्थित सभी सोच रहे थे।
महाविद्यालय प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह ने मुख्य अतिथि नृत्यांगना कविता जी के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संगीत, गीत, कलाओं के बेहतर समझ के लिए संस्कार की आवश्यकता होती है। युवा पीढ़ी को इन कलाओं से जुड़कर अपने जीवन को सार्थक करना होगा। शरीर मन और आत्मा का विकास इन कलाओं के अभाव में संभव नहीं है। महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने विश्वविख्यात नर्तकी कविता द्विवेदी को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. ओ. पी. मिश्र को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर समारोह अधिकारी डॉ. अतुल कुमार सिंह, महाविद्यालय के मुख्य नियंता डॉ जितेंद्र सिंह, महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र नाथ मिश्र, डॉ. अमन चंद्रा, डॉ. रंजन शर्मा, डॉ. बी. पी. सिंह, डॉ. दीनानाथ तिवारी, डॉ. आर. एस. सिंह, डॉ. मंशाराम वर्मा, डॉ. जय शंकर तिवारी, डॉ. चमन कौर, डॉ. अरुण प्रताप सिंह, डॉ. ममता शुक्ला सहित सभी संकायों के शिक्षक मौजूद रहे।

पीजी की छात्रा दीपांशी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया। छात्रा सौम्या मिश्रा ने विदुषी कविता जी का परिचय दिया। छात्रा ज्योत्स्ना रावत और मनीष कुमार दुबे ने कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग प्रदान किया। शांभवी और प्रतीक्षा ने अभ्यागत अतिथियों को पुष्प देकर स्वागत किया। कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. रेखा शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में सब के आभार व्यक्त करते हुए राष्ट्रगान से कार्यक्रम को संपन्न करवाया।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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