गोंडा। मामला थाना खर्गूपुर क्षेत्र ग्राम बिशुनपुर बेलभारिया गांव से सम्बंधित हैं जंहा कि एक महिला के पिता के द्वारा पति पक्ष के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्यां -221/2021 अंतर्गत धारा 498A,323,504,3/4 DP एक्ट एवं 3/4 मुस्लिम महिला संरक्षण के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसमें स्थानीय थाने कि पुलिस पहले अभियुक्त पक्ष से नाम निकालने के लिय वर्षों तक बारगेनिंग करती रही लेकिन इसी बीच पति पत्नी का विवाद आपस में सुलह हों गया तथा अन्य घरेलू हिंसा के मामले में कोर्ट में भी सुलह हों गया, जब इस बात की जानकारी 29 नवम्बर को अपर पुलिस अधीक्षक के समक्ष कथित पीड़िता ने शपथ पत्र प्रस्तुत करके अवगत कराया कि उसका विवाद समाप्त हों गया हैं तब तत्कालीन विवेचक ने पति से 25 हजार बतौर सुविधा शुल्क फाइनल रिपोर्ट के लिय मांग लिया।
विवाद के आपस में सहमति से सुलझ जाने के बाद पति ने जब विवेचक की इस अनुचित मांग कों पूरा करने से इंकार कर दिया तो बुरी तरह खुन्नस में आये विवेचक ने 5 दिसंबर को आनन फानन में आरोप पत्र भेज दिया, जब पुनः इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से कथित पीड़िता ने किया तों पुलिस उपाधीक्षक सिटी ने पुनर्विवेचना का आदेश दिनांक 3-1-2023 को पारित किया जिसके बाद विवेचना संतोष पांडे को सौंपी गयी उन्होंने साफ शब्दों में मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता पंकज दीक्षित से कहा कि कोर्ट में सुलह करेंगे तों मुंबई से आने जाने में जो खर्च लगे उतना दिला दीजिए तों फाइनल रिपोर्ट लगा दूंगा, क्योंकि इसमें अपर पुलिस अधीक्षक व सी.ओ को मैनेज करना पड़ेगा ऐसे में विवेचक की मांग पूरी नही करायी गयी और कोर्ट में विवेचना मॉनिटर करने का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमें स्थानीय थाने से आख्या आहूत की गयी तों बिना किसी जांच पड़ताल के कथित पीड़िता एवं वादी द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र को विवेचना में सम्मिलित नही किया और पुनः फर्जी आरोप पत्र भेज दिया,अब कथित पीड़िता और पति पक्ष न्याय के लिय कप्तान से गुहार लगाए हैं जिस पर कप्तान साहब ने मामले का संज्ञान लिया हैं और इसकी जांच करकर फाइनल रिपोर्ट लगवाने का आश्वासन दिया हैं,अब देखिय मामले में सुलह बाद भी पक्षकारो को कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा या कप्तान साहब मामले का निस्तारण करा देंगे।