उत्तर प्रदेश शिक्षा

डिजिटल मानवाधिकारों पर चर्चा अति आवश्यक है : डॉ० अमनदीप सिंह

रायबरेली। फिरोज गाँधी कॉलेज रायबरेली के समाजशास्त्र विभाग में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग एवम डॉ०राम मनोहर लोहिया राष्टीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में “डिजिटल मानवाधिकार : उत्तर प्रदेश राज्य में उभरते आयाम एवम चुनौतियां”विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। फिरोज गांधी कॉलेज के प्राचार्य प्रो० मनोज कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

प्रोजेक्ट निदेशक व वक्ता डॉ० अमनदीप सिंह ने कहा कि डिजिटल मानवाधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता से निकटता से जुड़े हुए हैं। हमारे समाज का डिजिटल परिवर्तन निश्चित रूप से सभ्यता के सबसे तेज और सबसे गहन बदलावों में से एक है ।

कोविड-19 महामारी ने डिजिटल सेवाओं की क्षमता का खुलासा किया, जिस कारण दुनिया भर में डिजिटल मानवाधिकारों पर काफी चर्चा हो रही है। डिजिटल मानवाधिकार इंटरनेट युग के लिए मानवाधिकारों का विस्तार है। भारत के प्रधानमंत्री ने देश मे 2015 में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की शुरूआत की। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की कामयाबी के लिए प्रत्येक व्यक्ति का डिजिटल साक्षर होना आवश्यक हैं। इंटरनेट का उपयोग प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ रहा है । इंटरनेट मानवाधिकारों की प्राप्ति और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक अनिवार्य उपकरण बन गया है। सामाजिक विकास संबंद्धता के लिए सभी को विधिक जानकारी का होना आवश्यक हैं। वर्तमान परिक्षेय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज प्रत्येक क्षेत्र के अपनी क्षमता का प्रचार कर रहा है और मानव संसाधन का विकल्प बन रहा हैं। आज के डिजिटल युग मे डिजिटल साक्षर होना आवश्यक हैं। भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में तभी विकसित होगा जब प्रौद्योगिकी के उपयोग के

माध्यम से डिजिटल साक्षारता को बढ़ावा दिया जायेगा ।
समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो.उदय भान सिंह ने कहा कि सूचना तक पहुंच और डिजिटल साक्षरता डिजिटल मानवाधिकारों के महत्वपूर्ण घटक हैं। लोगों के पास अपने अधिकारों का प्रयोग करने और समाज में पूरी तरह से भाग लेने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने के लिए सूचना और साधन तक पहुंच होनी चाहिए। डिजिटल युग में व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए डिजिटल मानवाधिकार आवश्यक हैं।

कार्यक्रम के दौरान एक प्रश्नावली के माध्यम से छात्रों से डिजिटल मानवाधिकार के प्रति उनके नजरिये की जानकारी ली गयी। इस जानकारी को उ0प्र0 मानवाधिकार आयोग को प्रेषित किया जायेगा।
संगोष्ठी में मुख्य रूप से इस बात पर ज़ोर दिया गया कि जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है और डिजिटल उपकरणों और इंटरनेट पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है, यह महत्वपूर्ण है कि हम इन अधिकारों को बनाए रखने और उनकी रक्षा करने के लिए काम करें। उक्त कार्यक्रम में डॉ. निरंजन कुमार सिंह, डॉ. शैलेंद्र त्रिपाठी ,ऋषि शुक्ला व् कॉलेज के अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

aplikasitogel.xyz hasiltogel.xyz paitogel.xyz
%d bloggers like this: