पुलिस बूथ से चंद कदम दूर चोर लगातार हो रहे चोरी में सफल
गोण्डा। अब इसे चोर पुलिस की मिलीभगत कहे या फिर पुलिसकी आरामतलबी, जो भी हो सत्य तो ये है की पुलिस बूथ जहाँ 24 घंटे पुलिसकार्मियों की ड्यूटी रहती से से चंद कदम की दूरी पर पिछले रखा पखवाड़े में चोरो ने कई घटनाओं को अंजाम दे डाला लेकिन पुलिस की नींद नहीं टूटी, ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने और चोरों को सालखों के पीछे पहुँचाने की जगह पुलिस पीड़ितों की शिकायत को भी दर्ज करने से इंकार कर रही है, पिछले दिनों एक बड़े व्यापारी नेता के घर पर हुई चोरी में भी पुलिस ने यही रवैया अपनाया जिस पर उनके द्वारा ज़ब उच्चाधिकारियों से संपर्क किया गया तब जाकर कोतवाली पुलिस ने मामले को दर्ज किया।
रानी बाजार निवासी व्यापारी नेता मुकुट लाल अग्रवाल के घर चोरो ने विगत 3 मार्च को प्रातः लगभग चार बजे घर के पीछे की खिड़की को खोल चोरी की घटना को अंजाम दिया जिसमें लगभग पचास हज़ार रुपयों पर चोरों द्वारा हाथ साफ किया गया। घटना की जानकारी पुलिस को मिलने पर पहुंची पुलिस ने औपचारिकता पूर्ण करते हुए आसपास के कुछ सी सी टी वी फुटेज को खांगला साथ ही पीड़ित को टेक्निकल भाषा में समझाते हुए घटना को दर्ज न करवाने की दबंगी सलाह भी दे डाली।
ज़ब पीड़ित को इस बात का अहसास हुआ की पुलिस सामान्य तरीके से मामले को दर्ज नहीं करेंगी तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया तब जाकर उनके यहाँ हुई घटना की प्राथमिकी दर्ज की गई।
यहाँ यह भी अवगत कराना आवश्यक है की श्री अग्रवाल के यहाँ हुई चोरी की घटना इस क्षेत्र की अकेली और कोई पहली घटना नहीं है, यदि पिछले मात्र 15 दिनों की बात की जाये तो रानी बाजार के एक छोटे से हिस्से में चोरो ने लगभग आधा डरहन घटनाओं को अंजाम दिया है जिनमे से कुछ में वे पूर्णतःया सफल भी हुए है इन्ही सफलता घटना में राजस्थान कान्वेंसिंग कंपनी में भी हुई चोरी है जिसमें भी चोरो ने एक बड़ी रकम सहित कुछ समानों पर भी हाथ साफ किया था।
ये घटनाएं इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है की घटनास्थल से कुछ ही कदम पर जयनारायण चौराहे पर स्थित पुलिस बूथ है जहाँ कर्मियों की लगातार ड्यूटी रहती है, इसके अतिरिक्त कहने को तो पुलिस की गस्त भी चलती रहती है लेकिन फिर भी पुलिस को चोर कहीं भी नज़र नहीं आते।
फिलहाल अब देखना तो ये है की पुलिस की अगली कार्यवाही क्या होती है, चोरों को पकड़ा जाता है, घटनाओं का खुलासा होता है या फिर इनकी भी लीपापोती कर मामले का पटाक्षेप कर दिया जाता है।
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