बजट मेडिकल कालेज प्रशासन के पास होने की बात कह झाड़ा जा रहा पल्ला
गोंडा। बाबू ईश्वर शरण जिला चिकित्सालय में मुर्दों के साथ भी अस्पताल प्रशासन की उदासीनता जारी है यहाँ शवो को फ्रीजर में रखने के बजाए उन्हें जमीन पर ही धकेल दिया जा रहा है। और यह हालात तब हैं जब भीषण गर्मी की शुरुआत हों चुकी है। ऐसे में यदि शवो को सुरक्षित फ्रीजर में नही रखा गया तो उन्हे सड़ने से कोई नहीं बचा सकता। और यह चिकित्सा सेवा नियमावली का घोर उल्लंघन है। साथ ही मानवाधिकार का भी घोर उल्लंघन है।
यह मामला शनिवार को उस समय देखने को मिला जब रेलवे स्टेशन से एक 60 वर्षीय बुजुर्ग साधु का लावारिस शव जिला अस्पताल के मर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित कराया गया। जहां अस्पताल का सफाई कर्मचारी जब शव को रखने के लिए अंदर गया तो उसने उसे जमीन पर ही लिटा दिया। जब शव को फ्रीजर में रखने की बात कही गई तो उसने दोनो फ्रीजर खराब होने की बात कही। और कहा की बाहर रखने से यह अंदर रखने की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित है। फ्रीजर खराब होने के चलते शव को यदि अंदर रखा गया तो यह और तेजी से के साथ खराब होगी।
इस बारे में अस्पताल प्रशासन प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर पी डी गुप्ता का कहना है की आपके द्वारा जानकारी हुई है की मर्चरी के फ्रीजर खराब है। इसे दिखवाया जायेगा। वैसे तो अब जिला अस्पताल चिकित्सा सेवा से चिकित्सा शिक्षा में प्रवर्तित हो गया है। जिसका वित्तीय अधिकार अब प्रिंसिपल के हाथो में है। अब जो भी सुधार या मेंटीनेंस होगा वह प्रिंसिपल महोदय के द्वारा ही संभव है।
अस्पताल प्रशासन के इस जवाब ने संपूर्ण अस्पताल की सेवाओं पर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। यह बात भी गौरतलब है कि जब से अस्पताल परिसर में मेडिकल कालेज की बिल्डिंग का निर्माण प्रारंभ हुआ है तब से अस्पताल की स्वास्थ सेवाओं पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसके चलते संपूर्ण अस्पताल की स्वास्थ सेवा बुरी तरह प्रभावित है।