एक तरफ बूंद बूंद को तरस रहीं जनता तो दूसरी ओर प्रतिदिन लाखों लीटर पेयजल हो रहा बर्बाद
गोण्डा। एक तरफ नगर के कई क्षेत्र पेयजल की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर पिछले कई दिनों से लाखों लीटर पेयजल सीधे नाली में जाकर बर्बाद हो रहा है, खास बात तो ये है की नगर पालिका के जिम्मेदार अधिशासी अधिकारी गाँधी के तीन बंदरों की भूमिका अच्छी तरह से निभाते हुए न कुछ बोलने, न कुछ देखने और न कुछ सुनने की कसम खाये बैठे हैं।
ज्ञात हो की पिछले लगभग एक माह से नगर के कई हिस्से के निवासियों ने भयंकर जल संकट का सामना किया है, दो दिन पूर्व स्थिति में कुछ सुधार आया है, जल संकट के कारणों और उनके निराकरण की जानकारी के लिए ज़ब पालिका के अधिशासी अधिकारी संजय मिश्रा से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कई बार के प्रयासों के बाद भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा, कुछ इसी तरह ज़ब नगर के महराजगंज चौराहे पर पिछले लगभग एक सप्ताह से फटे पाइपलाइन जिससे प्रतिदिन लाखों लीटर पेयजल सीधे नाली में जाकर बर्बाद हो रहा है, के बारे में अवगत कराने और पाइपलाइन ठीक किये जाने के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई तब भी श्री मिश्र का रवैया यथावत रहा।
महराजगंज चौराहे के निवासियों से मिली जानकारी के अनुसार पाइपलाइन के फटे लगभग एक सप्ताह हो रहे हैं, पालिका के कर्मचारी एक दो बार आये और चेहरा दिखाकर गायब हो गए न तो पाइपलाइन ठीक करने के लिए ही कुछ किया गया और न ही लीकेज को ही रोकने का कोई उपाय किया गया जिस कारण जबतक आपूर्ति रहती है भारी मात्रा में पालिका का शुद्ध पेयजल सीधे नाले में जाता रहता है, स्थिति तो यहाँ तक आ गई है की कूड़े और गन्दगी दें पता नाला भी अब ओवरफ्लो हो रहा है जिससे नाले का पानी पटरी तक आ गया है।
नगरपालिका की लापरवाही, जिम्मेदार का गैर जिम्मेदाराना रवैया नगरवासियों के लिए जिस तरह से पीड़ा दायक साबित हो रहा है उस ओर जिला प्रशासन की चुप्पी और भी गज़ब ढा रहीं है, क्या जिला प्रशासन अपनी चुप्पी को तोड़ेगा, जनता को राहत पहुंचाएगा और लापरवाह पालिका और ई ओ को कोई सख्त निर्देश देगा?, जिला प्रशासन की ओर टकटकी लगाए आम जनमानस यहीं सवाल पूछ रहा है