घंटो मचा हंगामा, घट सकती थी बड़ी घटना
गोण्डा। ‘‘करेला वह भी नीम चढा’’ कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी और यह कहावत आज उस समय चरितार्थ हो गयी जब लोकसभा चुनावों के इस दौर में पहले से ही अधिकारों से परिपूर्ण पुलिस विषेश अधिकार पाने के बाद खुलेआम गुण्डागर्दी पर उतर आयी, पुलिस की इस गुण्डागर्दी के बाद मचा हंगामा हालाकिं हालत बिगडने की स्थिति में पहुचनें से पहले ही किसी तरह शांत हो गया अन्यथा मामला कुछ और ही बन जाता।
प्रकरण जनपद के कोतवाली देहात क्षेत्रार्न्तगत दर्जीकुआं के पास का है जहां वाहनों के निरीक्षण के लिए लगाये गये चुनाव अधिकारियों में से पुलिस की टीम के एक सदस्य एसआई पकंज सिंह ने फैजाबाद की ओरे से आ रहे एक टाटा सफारी को रोकने का प्रयास किया, वाहन के रूकने में देरी के चलते अपने प्रभाव पर कुठाराघात होते देख एसआई ने अपने डंडे का प्रहार वाहन के शीशे पर कर दिया, डंडा पडते ही शीशा चकनाचूर हो गया। गाडी का शीशा टूटते देख वाहन मे ंसवार युवक आगबबूला हो गये और हंगामा शुरू कर दिया। घंटो चले इस हंगामें में ही वाहन का शीशा तोडने के आरोपी एसआई को आक्रोशित युवको ने अपनी गाडी में बिठाने का भी प्रयास किया जिसे अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा समझाने बुझाने पर शांत कराया गया।
सोचने वाली बात तो यह है कि करेले की तरह कुख्यात हो चुकी यू पी पुलिस को निर्वाचन का अधिकार मिल गया तो वह नीम चढा हो गयी, लेकिन उसे इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उसे मात्र जांच और उचित कार्यवाही का ही अधिकार मिला है किसी तो प्रताणित करने का नहीं, ऐसे में उसे वाहन को रोककर उसकी तलाशी लेना और यदि कोई अवांछित वस्तु मिलती है तो उचित कार्यवाही करना चाहिए न कि वाहन के रोकने में थोडी सी देर होने पर वाहन या व्यक्ति को किसी तरह का नुकसान पहुचाना चाहिए।
फिलहाल मामले पर बोलते हुए एसएसपी महेन्द्र कुमार ने बताया कि वाहने के रोकने के दौरान पुलसकर्मी का डंडा वाहन के शीशे में लग गया जिससे वह टूट गया। प्रकरण की जांच सीओ सदर को सौंप दी गयी है जाचोंपरांत मिले साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।