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अवैध पैथालोजी किया गया सील, विभाग और प्रशासन की भूमिका पर लग रहे सवालिया निशान

गोंडा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के ठीक सामने बाहर रोड पर वर्षो से एक पैथालॉजी का संचालन किया जा रहा था जिसे जिला प्रशाशन एवम जिला स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के द्वारा आज सील कर दिया गया।

विभागीय सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार लैब का रजिस्टरेशन नही था। कार्यवाही के समय सिटी मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी व स्वास्थ विभाग से डिप्टी सी एम ओ डॉक्टर मालिक आलमगीर ने पैथालॉजी स्टाफ को बाहर निकाल कर लैब को सील करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया।

जिला अस्पताल के ठीक सामने संचालित किया जा रहा लाइफ केयर पैथालॉजी लगभग 5 वर्षों से क्रियाशील है,जहाँ विभिन्न प्रकार की जांचो की सुविधा उपलब्ध थी। इसका संचालन डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव के द्वारा किया जा रहा था। डॉक्टर दीपक जिला महिला अस्पताल मे तैनात पैथालॉजिस्ट डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव के भाई हैं।

अखिर क्यूँ सील हुआ पैथालॉजी?

सूत्रो की माने तो डॉक्टर विशाल के ऊपर जिला प्रशाशन की निगाह कई दिनो से टेढ़ी थी।इसकी वजह डॉक्टर विशाल की हठधर्मीता थी।कहा जाता है कि उनकी ड्यूटी नये बन रहे कोविड 19 लैब के संचालन के लिये लगाई गई थी।लेकिन वह इसके लिये तैयार नहीं हुए।प्रशाशन ने उन्हे इसके लिये पोस्ट भी कर दिया था,लेकिन वह चार्ज नही ले रहे थे। इसी बीच उनके भाई के लैब का वार्षिक रजिस्ट्रेशन भी समाप्त हो गया। बस यही बात उनके भाई के लैब के लिये मुसीबत बन गयी।प्रशाशन ने मौके का फायदा उठाते हुए आनन फानन मे लैब को सील कर दिया।

क्यूँ उठ रहे सवाल

डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव का पैथालॉजी विगत करीब 5 वर्षों से संचालित है। जिसमे स्वास्थ विभाग के ही डॉक्टर विशाल श्रीवास्तव का भी नाम भाई होने की वजह से जुड़ा हुआ है। यह भी सच है की पैथालॉजी की देख रेख मे उनकी रुचि रह्ती है। विभागीय कर्मचारियों मे जुड़े डॉक्टर विशाल इतने दिनों से बिना रजिस्ट्रेशन के लैब को अपने भाई के द्वारा चलवा रहे हों यह बात लोगों के गले नही उतर रही।

यही वह बात है जो इस ओर इशारा कर रहा है कि इस कार्यवाही के पीछे वजह कुछ और है। जिला प्रशासन व स्वास्थ विभाग के द्वारा की गयी इस कार्यवाही पर जब सम्बन्धित अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट वन्दना त्रिवेदी से बात की गयी,तो उन्होने संक्षिप्त उत्तर देते हुए कहा,कि उन्हे अपने उच्चाधिकारियों का आदेश प्राप्त हुआ था,ला एण्ड ऑर्डर मेनटेन करना उनका काम है। इस बारे मे आप स्वास्थ विभाग से जानकारी हासिल करें।

मुख्य् चिकीत्सधीकारी डॉक्टर मधू गैरोला ने बताया की वह कोरेन्टाइन मे है,उन्हे लैब को सील किये जाने की कोई वजह नही मालूम।जब उनसे यह पूँछा गया की आपके डिप्टी सी एम ओ डॉक्टर मालिक आलमगीर वहां किसके आदेश पर गये थे,तो उन्होने बताया कि,जिला मजिस्ट्रेट का आदेश था,इसलिये मुझे डॉक्टर मालिक आलम्गीर को भेजना पड़ा। कार्यवाही क्यूँ की गयी इसका जवाब न देते हुए उन्होने इसकी जिम्मेदारी जिला मजिस्ट्रेट के सर डाल दी।

जब जिला अधिकारी से सम्पर्क किया गया तो कमिशनर की मीटिंग मे व्यस्त होने की बात उनके अटेडेन्ट द्वारा कहे जाने के बाद फोन काट दिया गया।

लाइफ केयर पैथोलोजी पर की गयी कार्यवाही का कोई ठोस कारण फिलहाल समचार लिखे जाने तक नही प्राप्त हो सका है।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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