सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, सुबह व रात में हल्की-हल्की ठंड पड़ने लगी है. ऐसे में कई बीमारियां हैं, जिनका सामना आपको इस सर्दी के मौसम में करना पड़ सकता है. इन बीमारियों में से एक है, कान का दर्द. ज्यादा दिनों तक सर्दी जुकाम रहने के कारण नाक के पिछले भाग से कान तक आने वाली यूस्टेकियन ट्यूब ठीक से काम करना बंद कर देते हैं जिससे संक्रमण, सूजन आ जाती है और कान में द्रव्य बढ़ने से कान में दबाव असामान्य हो जाता है और दर्द होने लगता है.
कान के इस दर्द को हल्के में न लें और इन जरूरी बातों का ध्यान रखें.
कान में न डालें गर्म तेल
माता-पिता कई बार बच्चे के कान में गर्म तेल डाल देते हैं. ऐसा बिल्कुल भी न करें क्योंकि तेल डालने से कुछ समय के लिए आराम तो मिल जाता है, लेकिन बाहरी संकम्रण का खतरा बढ़ जाता है.
माता-पिता रखें खास ख्याल
अगर बच्चे को सर्दी या जुकाम है तो पैरंट्स तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं. बिना लापरवाही के बच्चे को हमेशा अपनी निगरानी में रखें. इसके साथ ही बच्चे को सुनने में समस्या हो रही है तो जांच करवाएं.
डॉक्टर के पास कब जाएं
कान में खुजली होना.
बुखार का बार-बार आना.
सर्दी-जुकाम के बाद कान में दर्द का होना.
लंबे समय तक संक्रमण से परदे में छेद होना, फिर कान का बहना शुरू होना.
छोटे बच्चों का दर्द से रात में बार-बार रोना.
रखें जरूरी सावधानी
बच्चे को सर्दी से बचाएं.
ऐलर्जी और खान-पान पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें.
प्रदूषण, खासतौर पर वायु प्रदूषण से बचाएं.
बच्चों को कान में नुकीली चीजें डालने न दें.
डॉक्टर से संपर्क करें.