गोण्डा ! शनिवार को रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गोंडा पर तैनात सहायक उपनिरीक्षक हवलदार राम को उपनिरीक्षक के पद पर पदोन्नति होने के कारण रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट गोंडा से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय चौकी गेट लखनऊ स्थानांतरण पर विरमित किया गया।
पोस्ट कमांडर प्रवीण कुमार द्वारा बिदाई से पूर्व बल सदस्यों की उपस्थिति में विदाई पार्टी का आयोजन किया गया तथा उक्त स उ नि को माल्यार्पण कर सम्मानपूर्वक उपहार दिया गया एवम् शुभकामनाएं दी गई।
गोण्डा ! गुरुवार को सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली महाविद्यालय गोण्डा में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रमाधिकारी डा0 स्मृति शिशिर एवं डा0 सरिता पाण्डेय की उपस्थिति में जिला चिकित्सालय गोण्डा के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिला चिकित्सालय गोण्डा से डा0 शोयेब इकबाल, प्रवीन चन्द्र पाण्डेय, डा0 एच0बी0 मनी त्रिपाठी, रमन सिंह, श्रीमती शैलेष, श्रीमती निशा वर्मा, सुन्धाशु तिवारी, पंकज, विकास सिंह ने सक्रिय होकर कार्यक्रम को गति प्रदान की।
महाविद्यालय की एडमिन डा0 आनन्दिता रजत ने रक्तदान कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्रवक्ता डा0 हरप्रीत कौर व तबरेज छात्रायें सिद्धि जायसावल, आंचल मिश्रा, आरिबा फातिमा, आफरीन, इकरा कमाल, दिक्षा गुप्ता,, हसीना बानो, मन्तशा ने भी रक्त दान किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की अनेक छात्रायें बढ़ चढ़ कर आयी लेकिन वजन कम होने के कारण मायूस हो गयी और इससे वंचित रह गयी। गृहविज्ञान प्रवक्ता श्रीमती रंजना बन्धु ने छात्राओं को वजन के महत्व के बारे में समझाया। इसके अन्तर्गत महाविद्यालय कर्मचारी अरविन्द कुमार पाठक, मंगली राम, मनोज कुमार सोनी, दिनेश मिश्रा, ननकू एवं समस्त ज्ञानस्थली परिवार उपस्थित रहा।
भारत में 70 सालों से गणतंत्र, लोकतंत्र प्रभावी नहीं है। आम गण अपने मन की कोई बात कार्यपालिका को, न्यायपालिका को, विधायिका को सहजता से बता नहीं पाता।
राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रह चुके प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता जीवन कुमार मित्तल ने वर्तमान व्यवस्था और कार्यपालिका पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि गण को कार्यपालिका, न्यायपालिका, विधायिका आदि के विभिन्न भवन के बाहर ‘गन’ दिखती है। हर जगह जनता को फुटबाल समझ किक मार आउट कर दिया जाता है। हर जगह गण को भिखारी समझ कहा जाता है: कहीं ओर जायो। PIL आदि पर जुरमाना किया जाता है जिससे सरकार सुधारक झाग की तरह मन मसोस बैठ जाते हैं।
इतना ही नही उन्होंने कहा कि RTI के माध्यम से उचित जानकारी नहीं मिलती। अरबों गण की अरबों परेशानियां पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। गण हेतु सिस्टम को, तंत्र को ऑब्जेक्शन और सजेशन देने का सिस्टम ही नहीं है। सिस्टम से सम्बंधित ऑब्जेक्शन और सजेशन देने वाले को शिकायतकर्ता मान लिया जाता है। नीतिगत, पालिसी मैटर के नाम पर गण की किसी भी सजेशन को झट ओवररूल, नजरअंदाज आदि कर दिया जाता है। गण के अधिकार लगातार कम किये जा रहे हैं। गण की हर आवाज दबाने हेतु देशद्रोह आदि जैसे भारी कानून बना दिए जाते हैं।
उन्होंने इन अव्यस्थाओ सवाल ही नही उठाया बल्कि उनका समाधान भी बताते हुए कहा है कि ‘राइट टू गिव इनफार्मेशन’ पोर्टल होना चाहिए जहाँ कोई गण तंत्र की किसी कमी पर ऑब्जेक्शन और व्यावहारिक सजेशन सहजता से दे सके।