एडी बेसिक के आदेश पर भारी पड रहा एबीएसए का भ्रष्टाचार
लखनउ। मुख्यंमत्री के आदेश के बाद एसटीएफ की जांच में फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी कर रही शिक्षिका सीता पाठक की सेवा तो समाप्त कर दी गयी लेकिन एडी बेसिक के आदेश के बाद भी एबीएसए ने अपने स्तर से मामले को दबाने का प्रयास करते हुए एफआइ्र्रआर नही दर्ज करायी, एबीएसए का यह कृत्य इस बात को प्रमाणित करता है कि फर्जी नियुक्तियों मे कही न कही उसकी भी भूमिका है।
ज्ञात हो कि फर्जी शिक्षकों द्वारा की जा रही नौकरी की रिपार्ट पर मुख्यमत्रंी योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद मामले की जाचं एसटीएफ कर रही थी जिसमंे प्राथमिक विद्यालय सुंबंशीपुर बीकेटी में तैनात शिक्षिका सीता पाठक के प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये जिस आधार पर एडी बेसिक और कार्यकारी बीएसए ने सीता पाठक के लिए सेवा समाप्ति का आदेश जारी करते हुए उस पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश बीकेटी एबीएसए को दिया। लेकिन लगभग एक माह होने को है एबीएसए ने एडी बेसिक और बीएसए के निर्देशों को रददी की टोकरी के हवाले करते हुए अभी तक सीता पाठक के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज नही करायी।
जहां तक रही सीता पाठक के फर्जीवाडे की बात तो एडी बेसिक का कहना है कि जांच मे सीता पाठक के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये जिस पर सेवा समाप्ति का आदेश जारी करने से पहले सीता को अपना पक्ष रखने के लिए कई बाद बुलाया गया लेकिन वह उपस्थित नही हुयी।