मुक़दमे में गवाही से आनाकानी ने न्यायालय को किया नाराज
जौनपुर। 13 वर्ष पुराने एक मामले में बार बार नोटिस मिलने के बाद भी गवाही के लिया उपस्थित न होना सिंघम के नाम से मशहूर पुलिस उपाधीक्षक अनिरुद्ध सिंह के लिया भारी पड़ता नज़र आ रहा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनका वेतन रोकने का भी उच्चाधिकारीयों को दिशा निर्देश भी जारी किये हैं।
मामला वर्ष 2010 का है ज़ब जफराबाद क्षेत्र में नमिता केसरवानी की हत्या हुई थी जिसकी विवेचना अनिरुद्ध कर रहे थे। मामले के शीघ्र निस्तारण का आदेश हाईकोर्ट द्वारा दिया जा चुका है, इसी परिप्रेक्ष्य में चल रही जिरह में बार बार दी गई नोटिस के बाद भी अनिरुद्ध के गवाही के लिया उपस्थित न होने से कुपित कोर्ट ने उनके विरुद्ध ये कठोर कदम उठाया है।
कोर्ट का कहना है की मामला वर्ष 2010 का होने के कारण प्राचीनतम बिवाद की श्रेणी में है। गवाही न होने से मुक़दमे के निस्तारण में देरी हो रही है। जिसके चलते उनके विरुद्ध अवमानना नोटिस और वारंट जारी किया गया है।
ज्ञात हो की उत्तरप्रदेश में एनकाउंटर विशेषज्ञ के रूप में विख्यात अनिरुद्ध सिंह उस समय सुर्खियों में आये ज़ब उन्होंने वर्ष 2007 में एक लाख के इनामी और कुख्यात नक्सली संजय कोल का एनकाउंटर किया था। अनिरुद्ध वर्तमान में मुगलसराय जनपद में तैनात हैं।