पार्टी के विरुद्ध काम करने का लगा आरोप
शाजापुर (मध्यप्रदेश)। प्रदेश मे चल रहे विधानसभा निर्वाचन के बीच कोई पार्टी यदि अपने कार्यकर्त्ता और वो भी जिलाध्यक्ष पर कठोर कार्रवाई करने को बाध्य हो जाये तो इसका साफ सन्देश है की पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, इसे गुटबाजी या अंतरकलह भी कहा जा सकता है जिसे सँभालने के विफल प्रयास मे इस तरह की कार्रवाई की जाती है।
फिलहाल हम बात कर रहे हैं शाजापुर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह बंटी की जिन्हे पार्टी आलाकमान ने रटा रटाया आरोप “पार्टी विरोधी गतिविधि” लगाकर उनके पद से हटा दिया है। सूत्रों की माने तो शीघ्र ही उन्हें पार्टी से भी निकाला जा सकता है वही श्री बंटी के करीबी ये भी बता रहे हैं की श्री बंटी स्वयं कांग्रेस को तिलांजलि देने वाले हैं, अब देखना तो ये है की श्री बंटी अपने को पार्टी से हटाए जाने और एक और बेइज्जती के लिए इंतजार करते हैं या फिर स्वयं ये कदम पहले उठाते हैं।
यहाँ ये भी बताना आवश्यक होगा की पार्टी ने श्री बंटी को जो नोटिस जारी किया है उसका उत्तर देने के लिए उन्हें सात दिन का समय दिया गया है।