उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

फाइलेरिया से बचाव एकमात्र है उपाय, सभी दवाओं का करें सेवन

10 अगस्त से घर-घर खिलाई जायेगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

जनपदवासियों से फाइलेरिया रोधी दवा खाने की अपील

सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला

गोंडा। फाइलेरिया यानि हाथीपांव मच्छर के काटने से होने वाला एक ऐसा रोग है जिसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन जब यह होता है तो व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि उन्हें यह संक्रमण हो गया है। इसके लक्षण 05- 15 साल बाद जब दिखाई देते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसके लिए जनपद में 10 अगस्त से सामूहिक दवा सेवन अभियान (एमडीए)चलाया जाएगा ,जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने सामने खिलाएंगे, यह दवा साल में एक बार और लगातार 5 साल तक 5 खुराक सेवन करने से फाइलेरिया का खतरा टल जाता है।

यह बातें सीएमओ सभागार में संस्था सीफार के सहयोग से आयोजित जनपद स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 सी0के0 वर्मा ने कही। उन्होंने सभी से आमजन से अपील किया कि इस अभियान में सहयोग करें। खुद भी दवा खाएं और अपने लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इससे बचाव नहीं करने पर हाथ और पैरों में असामान्य सूजन आ जाती है। एक बार लक्षण आने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है। इसके अलावा हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), महिलाओं के स्तन में सूजन व काइलूरिया (दूधिया सफेद पेशाब) भी फाइलेरिया रोग के लक्षण हैं । इन बीमारी से पीड़ित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है। इससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है।
जिला मलेरिया अधिकारी एस जेड ए जैदी ने बताया कि जनपद की जनसंख्या 4076070 है। इसमें दो वर्ष से ऊपर के सभी जनपदवासियों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया इस बार के एमडीए अभियान में 3261 टीम बनाई गई है। अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए 543 सुपरवाइजर तैनात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ता दवा अपने सामने खिलाएंगे किसी भी हालत में दवा बाद में खाने या घर ले जाने के लिए नहीं दी जाएगी।

इस मौके पर एसीएमओ डा0 जय गोविंद , एसीएमओ डा0 आदित्य वर्मा, डीपीएम अमरनाथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, डीसीपीएम आरपी सिंह, डा0 सुएब अनवर स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर पाथ, सुऐब जैदी जिला समन्वयक पाथ, डा0 आशुतोष अभिषेक आर एन टी डी नोडल पाथ, डा0 हसन इफ्तिकार, राजन यादव अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर सहित फाइलेरिया एवम मलेरिया इंस्पेक्टर मौजूद रहे।

फाइलेरिया के लक्षण

किसी भी व्यक्ति में सामान्यतः फाइलेरिया के लक्षण संक्रमण के पांच से 15 वर्ष लग दिखते हैं। इन लक्षणों में प्रमुख हैं कई दिनों तक रुक-रुक कर बुखार आना, शरीर में दर्द, लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन जिसके कारण हाथ व पैरों में सूजन (हाथी पांव), पुरुषों में अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन।

क्या करें

• सामूहिक दवा सेवन यानि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत दवा अवश्य खाएं
• दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगों से ग्रस्त को इस दवाओं का सेवन नहीं करना है
• दवा खाली पेट नहीं खाना है और दवा को चबाकर खाना है
• घर और आस-पास मच्छरजनित परिस्थितियां को नष्ट करें
• रुके हुए पानी में कैरोसिन छिड़ककर मच्छरों को पनपने से रोकें
• साफ़-सफाई रखें और फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
• मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छररोधी क्रीम लगाएं
• दरवाज़ों और खिड़कियों में जाली का उपयोग करें

About the author

राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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