परिजनों सहित पूरा अस्पताल हुआ हैरान, परिजन कर रहे थे अंतिम संस्कार की तैयारी
कोल्हापुर(महाराष्ट्र)। अब इसे चिकित्सकों की लापरवाही कहा जाये या प्रकृति का चमत्कार, जिस व्यक्ति को चिकित्सक चार घंटे पूर्व मृत घोषित कर चुके थे, परिजन जिसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे वह व्यक्ति अचानक जिन्दा हो गया हो जाये।
जी हाँ, चमत्कार करने वाली ये घटना विगत 16 दिसंबर की है ज़ब जिले के बुजुर्ग पांडुरंग अचानक अपने घर में गिर पड़े, परिजन ज़ब उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे तो डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, पांडुरंग की मौत की सूचना घर पहुँचते ही परिजनों ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारी आरम्भ कर दी।
चमत्कार तो अस्पताल में उपस्थित पांडुरंग के परिजनों के साथ उस समय हुई ज़ब वे शव को एम्बुलेंस से लेकर घर की ओर चले, पांडुरंग की मृत्यु की घोषणा और एम्बुलेंस से शव लेकर चलने के बीच लगभग चार घंटे बीत गए, चमत्कार तो तब हुआ ज़ब बीच रास्ते में सड़क के एक गड्ढे के कारण एम्बुलेंस को तगड़ा झटका लगा।
झटके के पांच मिनट बाद एक परिजन की दृष्टि पांडुरंग के हाथ पर पड़ी तो उन्हें लगा उँगलियों में कुछ हलचल हो रही है, शंका के समाधान के लिए शव पर पड़े चादर को हटाकर पांडुरंग की सांस चेक की तो वह चलती मिली।
सांस चलती देख परिजन उल्टे पाँव एक बार फिर अस्पताल भागे जहाँ चार घंटे पहले जिन चिकित्सकों ने पांडुरंग को मृत घोषित किया था उन्होंने ही पांडुरंग की विधिवत परिक्षण के बाद उन्हें पूरी तरह स्वस्थ्य घोषित कर दिया। अब इसे चिकित्सकों की लापरवाही कहे जिन्होंने सम्पूर्ण परिक्षण किये बिना पांडुरंग को मृत घोषित किया या फिर चमत्कार कहा जाये फिलहाल पांडुरंग की मौत की सूचना से शोक में डूबे परिवार में एक बार फिर ख़ुशी की लहर दौड़ गईं।
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