पठन पाठन मे ंरूचि न लेने के साथ स्थानीय होने का सहायक अध्यापक गाठं रहा रौब
राष्ट्ीय शैक्षिक महासंघ ने बीएसए के रवैये पर खड़े किये सवाल
मोहनलाल गंज लखनउ। यू ंतो प्रदेश की बेसिक शिक्षा विभाग का मनमानापन और भ्रष्ट आचरण जग जाहिर है परन्तु यदि इस तरह की बात सामने आये कि कोई प्रधानाध्यापिका अपने सहायक अध्यापक को बच्चो की पढाई के सुचारू संचालन के लिए प्रयासरत हो ओर इसके लिए अपने सहायक अध्यापक से बार बार अनुरोध करे लेकिन सहायक अध्यापक बच्चो को पढाना तो दूर उल्टे प्रधानाध्यापिका पर ही अपने स्थानीय होने का रौब गालिब करने लगे तो आश्चर्य होना स्वाभाविक हैं। अपने लापरवाह सहायक अध्यापक से बुरी तरह त्रस्त प्रधानाध्यापिका ने बीएसए से मामले की शिकायत की है जिस पर बीएसए ने खण्ड शिक्षाधिकारी को जांच सौंप दी है।
प्रकरण राजधानी के शिक्षा क्षेत्र मोहनलाल गंज के प्राथमिक विद्यालय कुशभिटा का है। जहा कार्यरत प्रधानाध्यापिक रेनू त्रिपाठी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनउ को भेजे अपने शिकायती पत्र मे अपने सहायक अध्यापक वीरेन्द्र कुंमार मिश्र पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जब श्री मिश्र से बच्चो को पढाने के लिए कहा जाता है तो वह कहते हेैं कि मैने बच्चो ंका ठेका नही ले रखा है। जब मैने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो वह मुझ पर ही टुच्ची राजनीति करने का आरोप लगाने लगे।
यही नही श्रीमती त्रिपाठी ने विद्यालय के शिक्षामित्र रामकिशोर पर भी विद्यालय के कार्योंे मे ंरूचि न लेने का आरोल लगाते हुए कहा है कि जब उनसे विगत 18 जनवरी को कहा गया कि बच्चो का प्रेरणा लक्ष्य और वर्कशीट दे दो तो दिया गया कार्य करने की जगह उल्टे यह कहने लगे कि आप कौन होती है मुझे आदेश देने वाली, मुझे या तो अधिकारी कहें या फिर सरकार।
श्रीमती त्रिपाठी ने कहा है कि इसी तरह यहा के सहायक अध्यापक हो या फिर शिक्षामित्र, पठन पाठन के अतिरिक्त सभी कार्य करते हैं, इनके इस आचरण से जहां बच्चो की पढाई बाधित होती है वही विद्यालय का माहौल खराब होता है। प्रधानाध्यापिका ने बीएसए को भेजे पत्र मे ंकहा है कि विद्यालय के इस माहौल से उनकी मानसिक स्थति पर बहुत ही बुरा असर पड रहा है। श्रीमती त्रिपाठी ने सहायक अध्यापक सहित शिक्षामित्र पर उचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई है। वही जब इस विषय पर बीएसए दिनेश कुमार से बात की गयी तो उन्होनंें प्रकरण की जांच के लिए आदेश देने की बात बतायी। मामले की जाचं पाये खण्ड शिखाधिकारी मोहनलालगंज धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि तबीयत खराब होने के कारण श्रीमती त्रिपाठी का बयान नही लिया जा सका है जल्द ही उनका बयान लेकर बीएसए को रिपोर्ट सौंप दी जायेगीं।
वही जब इस मामले में राष्ट्ीय शैक्षिक महासंध की कार्यकारी अध्यक्ष रीना त्रिपाठी से बात की गयी तो उन्होनें बीएसए के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले पर जब उनके हमारे प्रतिनिधि मण्डल ने वार्ता की तो कार्यवाही की बात तो दूर उल्टे सामन्जस्य बनाकर काम करने का उपदेश देने लगे। जब कोई विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को ही प्रताणित करने लगे तो किस तरह सामन्जस्य बनाया जा सकता है। जिस शिकायत पर त्वरित कार्यवाही कर इस तरह के अध्यापको ंपर सबक सिखाया जाना चाहिए उस पर बीएसए द्वारा उपदेश दिया जा रहा है। उन्होनेें कहा कि यदि बीएसए इस पर तत्काल कठोर कार्यवाही नही करते तो संगठन आर पार की लडाई के लिए विवश होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी एकमात्र बीएसए दिनेश कुमार की होगी।