मध्य प्रदेश शिक्षा

ढाई सौ करोड़ साल पुराने बुन्देलखण्ड ग्रेनाइट का छात्रों ने किया अध्ययन

ज्ञान को सार्थक बनाने, उसे फील्ड पर लागू करें- एन के दत्ता

छतरपुर(मध्यप्रदेश)। महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलगुरू प्रो शुभा तिवारी के संरक्षण में तथा कुलसचिव यशवंत सिंह पटेल के निर्देशन में एवं भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से सेवा निवृत्त महानिदेशक नीतीश कुमार दत्ता और प्रोफेसर पी के जैन के मार्गदर्शन में किए गए फील्ड विजिट में भूगर्भ शास्त्र अध्ययन शाला के छात्र, छात्राएं और रिसर्च स्कॉलर तथा भूगर्भ शास्त्र के अतिथि विद्वान भी उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम शैक्षणिक भ्रमण में बगराजन माता मंदिर में छात्रों को आर्कियन आयु के ग्रेनाइट रॉक्स में उपस्थित गठन तथा संरचनाओं फिनोक्रस्ट और फोलिएशन तथा ग्रेनाइट में अपक्षय, एक्सफोलिएशन और अपरदन के बारे में बताया गया कि यह ग्रेनाइट रिसिडुअल प्रोसेस से बना हुआ ग्रेनाइट रॉक है। जिसको पैडलस्टॉक के नाम से भी जाना जाता है।

दूसरा फील्ड विजिट झनझन देवी माता के मंदिर के पास किया गया। जिसमें एन के दत्ता और पी के जैन के द्वारा छात्रों को बताया गया कि कैसे हम फील्ड में ब्रन्टन कंपास का उपयोग करके रॉक की दिशा का पता करना और नक्शे में पिंक मैसिव ग्रेनाइट की मैपिंग करना तथा रॉक्स में उपस्थित फोल्ड ओर फॉल्ट तथा विभिन्न प्रकार की संरचनाओं के बारे में बताया।

यहां जो रॉक्स पाई जा रही हैं, वह आर्कियन आयु की है। एन के दत्ता तथा प्रोफेसर जैन के मार्गदर्शन में यह जो फील्ड वर्क कराया गया, बहुत ही ज्ञानवर्धक तथा बहुपयोगी शाबित हुआ।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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